कभी 55 प्रतिशत से पास अपने बच्चे को कलेजे से लगा कर बाप फूला नहीं समाता था पुरे मोहल्ले
में लड्डू बाटता और कहता मेरा लल्ला गुड़ सैकेंड क्लास पास हो गया पर आज 90 प्रतिशत से पास
बच्चे के पसीना छूट जाता है की अगले दर्जे में प्रवेश कैसे होगा, पहले स्नातक के बाद घर बैठे नौकरी
का बुलावा आ जाता था आज के हालत ऐसे बदले की चप्पले घिस जाती है पर नौकरी नहीं मिलती
उस पर निकम्मी सरकार शिक्षा का व्यवसायीकरण करने में लगी है दिखावे के लिए निजी
विधयालयो में मासिक शुल्क पर अंकुश तो लगाती है परंतु उन्हें खुली छूट होती है की बिल्डिंग
वेलफेयर, कम्पियुटर क्लासेस, एक्स्ट्रा एक्टीविटी, और भी तमाम दवंद फंद से लोगो की जेबों पर
डाका डाल सके! एक ओर वह कानून बनाकर शिक्षा को निःशुल्क और अनिवार्य बताती है, वहीं
दूसरी ओर पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत शिक्षा को क्रय-विक्रय की वस्तु बनाना चाहती है।
पढ़ाई पूरी करके जब एक युवा जीवन के प्रथम अध्याय यानी रोजगार के लिए निकलता है तो भी
सरकारी उदासीनता का शिकार होना पड़ता है क्योकी सरकार के पास पर्याप्त रोजगार ही नहीं है
एव्म जो है वहा भी रिश्वत खोरी है यानि लल्ला पास होकर भी फेल ही हो जाता है यह दुर्भाग्य
आज कि नईपीणी को विरासत में मिला है!
में लड्डू बाटता और कहता मेरा लल्ला गुड़ सैकेंड क्लास पास हो गया पर आज 90 प्रतिशत से पास
बच्चे के पसीना छूट जाता है की अगले दर्जे में प्रवेश कैसे होगा, पहले स्नातक के बाद घर बैठे नौकरी
का बुलावा आ जाता था आज के हालत ऐसे बदले की चप्पले घिस जाती है पर नौकरी नहीं मिलती
उस पर निकम्मी सरकार शिक्षा का व्यवसायीकरण करने में लगी है दिखावे के लिए निजी
विधयालयो में मासिक शुल्क पर अंकुश तो लगाती है परंतु उन्हें खुली छूट होती है की बिल्डिंग
वेलफेयर, कम्पियुटर क्लासेस, एक्स्ट्रा एक्टीविटी, और भी तमाम दवंद फंद से लोगो की जेबों पर
डाका डाल सके! एक ओर वह कानून बनाकर शिक्षा को निःशुल्क और अनिवार्य बताती है, वहीं
दूसरी ओर पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत शिक्षा को क्रय-विक्रय की वस्तु बनाना चाहती है।
पढ़ाई पूरी करके जब एक युवा जीवन के प्रथम अध्याय यानी रोजगार के लिए निकलता है तो भी
सरकारी उदासीनता का शिकार होना पड़ता है क्योकी सरकार के पास पर्याप्त रोजगार ही नहीं है
एव्म जो है वहा भी रिश्वत खोरी है यानि लल्ला पास होकर भी फेल ही हो जाता है यह दुर्भाग्य
आज कि नईपीणी को विरासत में मिला है!
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